दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की शिमला में हुई मुलाकात के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सीएम गहलोत ने मंगलवार को शिमला में मल्लिकार्जुन खड़गे में मुलाकात की थी। हालांकि, इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है। लेकिन राजस्थान में चल रही खींचतान के बीच मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। पायलट कैंप विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले गहलोत कैंप के मंत्रियों के खिलाफ ऐक्शन की मांग कर रहा है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस मिला था। जिसका जवाब तीनों नेताओं ने दे दिया है। सचिन पायलट ने हाल ही में इस मामले को जल्द सुलझाने की मांग की थी।चर्चा है कि सीएम गहलोत की खड़गे संग राजस्थान के संदर्भ में भी बात हुई है।
पायलट कैंप कर रहा है ऐक्शन की मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों के बीच जारी खींचतान पर अब नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फैसला करना है। राजस्थान में सियासी संकट का मामला अध्यक्ष चुनाव की वजह से पेंडिंग था। पायलट कैंप लगातार कार्यवाही करने की मांग कर रहा है। जबकि गहलोत कैंप मामले को ठंडे बस्ते में डालने का जोर लगा रहा है। गहलोत और खड़गे की मुलाकात से राजस्थान के सियासी विवाद पर नए सिरे से दिल्ली में हलचल तेज हो गई है।
विधायक दल की बैठक का कर दिया था बहिष्कार
बता दें, 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दिल्ली लौट गए थे। चर्चा है कि विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को सीएम बनाने का एक लाइन का प्रस्ताव पारित होना था। लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, एक महीने से अधिक समय निकल जाने के बावजूद भी सीपी जोशी ने इस संबंध में फैसला नहीं लिया है।