द नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद लोकसभा का चुनाव हो रहा. यहां पर कई दिग्गजों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. भले ही वो दिग्गज चुनाव न लड़ रहे लेकिन उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
वहीँ बीजेपी की तरफ से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने अपना जी जान लगा दी है. इस बार कई लोकसभा की सीटें ऐसी हैं जहां पर इन बड़े नेताओं का असर देखा जा रहा है. ऐसे में इन नेताओं ने वहां पर डेरा डाल दिया है. जानिए क्या है उन सीटों का हाल जहां पर ये नेता डटे हुए हैं.कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की इन सीटों पर खास नजरराजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन उनके बेटे जालोर-सिरोही से मैदान में है. इसलिए वो वहां पर डेरा डाले हुए हैं. वहां के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को एक जुट कर रहे हैं. चूंकि, वैभव गहलोत पिछली बार जोधपुर से चुनाव हार गए थे. इस बार उन्हें जिताने के लिए गहलोत ने पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट दौसा और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि मुरारी लाल मीणा के लिए घर-घर जाकर प्रचार करूंगा. जयपुर ग्रामीण में अनिल चौपड़ा के लिए भी प्रचार शुरू कर दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने चुरु और सीकर में पूरी ताकत लगा दी है. इन दो सीटों पर डोटासरा ने राहुल और अमराराम के लिए काम शुरू कर दिया है. इन नेताओं का इन सीटों पर प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.
बीजेपी के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा का सवाल
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत बारां-झालवाड़ से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से पांचवीं बार उन्हें बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. बड़े वोटों के अंतर् से चुनाव जीतने की प्रतिष्ठा दांव पर है. इसके साथ ही धौलपुर-करौली लोकसभा सीट पर इंदू देवी के लिए भी इनकी आंतरिक सहमति बताई जा रही है. वहीँ चुरु और जयपुर ग्रामीण के साथ अजमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पूरी ताकत झोंक दी है.
चुरू में उन्होंने देवेंद्र झाझड़िया के नामांकन के बाद जयपुर ग्रामीण में राव राजेंद्र सिंह के लिए जनसभा को संबोधित किया. हालांकि, वो हरियाणा के चुनाव प्रभारी होने के नाते वो अब वहां भी काम कर रहे हैं. वहीँ पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के लिए चुरू प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. लगातार वहीँ पर वो डटे हुए हैं.