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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का अशोक गहलोत पर हमला, पढ़े पूरी खबर

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान चुनावी रंग में रंगता जा रहा है कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. चुनावी रण में नेताओं की आरोप-प्रत्यारोप और तल्ख अंदाज लगातार सुर्खियां बन रही हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा है. शेखावत ने कहा कि गहलोत अपने आप को जादूगर कहलाना पसंद करते हैं, लेकिन उनको एक ही जादू आता है कि अपनी विफलता का ठीकरा दूसरे पर कैसे फोड़ें? ये सरकार बिल्कुल नहीं चाहती कि आरोपियों को सजा हो, क्योंकि ऐसे लोगों को सजा होने पर इनका वोट बैंक गड़बड़ाता है. वोट बैंक बचाए रखने के लिए बहुसंख्यकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का पाप इस सरकार ने निरंतर किया है. 

गहलोत और शाह में कनफ्यूजन किस बात पर है
 
केंद्रीय मंत्री शेखावत रविवार को मीडिया से रू-ब-रू हुए. कन्हैयालाल टेलर के हत्यारों को पकड़ने के मामले में गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि गृहमंत्री जी के बयान को गहलोत साहब समझ नहीं पाए. विषय यह था कि गहलोत साहब ने एक पत्र गृहमंत्री जी को लिखा. उस पत्र में लिखा कि कन्हैयालाल टेलर का सिर धड़ से अलग करने वाले लोगों को तुरंत सजा दिलवानी चाहिए. शेखावत ने कहा कि मैं आपको इसके बैकग्राउंड में ले जाना चाहता हूं. कन्हैयालाल की हत्या क्यों हुई? उसके जिम्मेदारी कौन हैं? पहला प्रश्न यह है. कन्हैयालाल ने अपने को मिलने वाली हर धमकी की जानकारी पुलिस को दी. एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन उल्टा उसे ही पुलिस ने प्रताड़ित किया. उसे ही माफी मांगने के लिए मजबूर किया. अंतिम दिन तक उसे पुलिस ने सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई. 

शेखावत ने कहा कि राजस्थान में पीएफआई को रैली की वैधानिक अनुमति देना और रामनवमी व हिंदू त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगाने की घटनाओं के चलते, मंदिरों को बुलडोजर से ढहाने और ड्रील मशीन से खंड-खंड करने की घटनाओं के कारण से ऐसी शक्तियां की मानसिकता प्रबल हुई, उसके कारण से कन्हैयालाल टेलर की हत्या हुई. इसके लिए गहलोत सरकार जिम्मेदार है. 

पीएफआई की जांच की मांग

शेखावत ने कहा कि देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा है. मैं मीडिया के माध्यम से राजस्थान सरकार से आग्रह करुंगा कि इस संगठन से पहले जो लोग जुड़े हुए थे, जिन्होंने उसके लिए फंड जुटाया, इसके सदस्यों को पनाह दी थी, राजस्थान सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए, लेकिन मैं जानता हूं कि वह इसकी जांच नहीं करने वाले, क्योंकि इसकी जांच करने से उनका वोटबैंक कहीं न कहीं डगमगाता है, लेकिन विश्वास रखिए भाजपा की सरकार बनेगी.केवल कन्हैयालाल नहीं, इस तरह की जितनी तुष्टीकरण की घटनाएं हुई हैं, उन सब के दोषियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़ेगी. 

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