दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को बीकानेर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- मैं कहीं भी रहूं, राजस्थान का हूं, मारवाड़ का हूं, जोधपुर का हूं, महामंदिर का हूं, जहां मैं पैदा हुआ। मैं उससे कैसे दूर हो सकता हूं। जिंदगी के अंतिम सांस तक कहीं भी रहूं, सेवा करता रहूंगा। जो कहता हूं उसके कुछ मायने होते हैं। गहलोत ने स्पष्ट कर दिया कि वो राजस्थान छोड़कर कहीं जाने वाले नहीं है। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री पद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पहली बार गहलोत ने मारवाड़, जोधपुर और अपने गृह क्षेत्र महामंदिर तक से आत्मीयता जताते हुए बयान दिया है।
गहलोत से जब मानेसर वालों को सजा देने का सवाल पूछा तो बातचीत को खत्म करते हुए नमस्कार करते हुए निकल गए। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
कर्मचारियों से डायलॉग नहीं, तो हार गए
गहलोत ने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा- बार बार सरकार बदल देते हैं। मेरे अच्छे काम होते हैं। तब भी आप हवा में बह जाते हैं। एक बार कर्मचारी मेरे विरोध में हो गए थे। हमारा डायलॉग नहीं हो पाया था, नाराज हो गए थे। उन्होंने गांठ बांध ली थी। हमने गलती मान ली, हमारा डायलॉग रहता तो ये स्थिति नहीं बनती कि हार जाते। फिर देश में मोदी जी का माहौल बना। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में हम जीत रहे थे, लेकिन हार गए। राजस्थान भी हार गए। मैं जनता से रिक्वेस्ट कर रहा हूं कि आप एक मौका और दें हमें। ईआरसीपी के लिए मैं संघर्ष कर रहा हूं।
कबड्डी मैच में दर्शक बने, खिलाड़ियों के बीच पहुंचे
गहलोत ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलिंपिक में खेलने आए खिलाड़ियों के बीच में जाकर काफी समय बिताया। प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए खिलाड़ी के साथ रहे। इस दौरान कबड्डी का फाइनल मैच देखा। उन्होंने खिलाड़ियों के दाव पेच पर प्रभारी मंत्री से चर्चा भी की।
ये मंत्री रहे गहलोत के साथ
इस दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, आपदा मंत्री गोविन्द मेघवाल, प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया, ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी भी गहलोत के साथ रहे। एग्रो बोर्ड के चैयरमेन व पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे। जबकि कई बोर्ड के अध्यक्ष मंच पर थे।
ग्रामीण ओलंपिक में जीते तो रोजगार
गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलकूद में जो जीतेंगे, उन्हें सरकारी नौकरी में संविदा पर रखने के प्रयास हो रहे हैं। हम कोशिश करेंगे कि गांवों में, कस्बों में ऐसे खिलाड़ियों को रोजगार देने में प्राथमिकता रखें।
मगन सिंह को याद किया
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे मगन सिंह को स्वयं अशोक गहलोत ने याद किया। स्वयं मगन सिंह इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे लेकिन उन्हें अशोक गहलोत के साथ शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने भी याद किया। प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया ने भी मगन सिंह और चिमन सिंह को याद किया।
विजेताओं से बातचीत की
पुरस्कार लेने आए खिलाड़ियों से गहलोत ने बातचीत की। उन्हें खेल के बारे में पूछा और आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी। एक महिला साइक्लिस्ट को शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के विधायक कोटे से आठ लाख रुपए की साइकिल भेंट की गई। इस साइक्लिस्ट से भी गहलोत ने साइकिल के बारे में जानकारी ली।