Homeनगर की खबरचुनाव आयोग के फैसले से पहले दशहरा रैली में असली शिवसेना की...

चुनाव आयोग के फैसले से पहले दशहरा रैली में असली शिवसेना की लड़ाई, दोनों तरफ भीड़ जुटाने की होड़ पढ़े पूरी खबर

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:-  इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब मुंबई आज (5 अक्टूबर) शिवसेना की दो दशहरा रैलियां देखेगा. एक रैली शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे गुट आयोजित कर रहा है, दूसरी रैली मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में करने जा रहा है. शिंदे गुट ऐसे समय दशहरा रैली करने जा रहा है जब शिवसेना पार्टी के नाम और निशान को लेकर चुनाव आयोग का फैसला आना बाकी है. 30 जून को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिंदे गुट ने दावा किया था कि असली शिवसेना वही है. 

शिंदे गुट ने पार्टी के नाम और निशान पर अधिकार के लिए चुनाव आयोग का रुख किया था लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए थे. उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की संवैधानिकता को चुनौती दी थी. 27 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने ठाकरे की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि शिवसेना के नाम और निशान पर अधिकार को लेकर फैसला निर्वाचन आयोग करेगा

First Time Uddhav Thackeray and Eknath Shinde factions to hold Dussehra Rallies in Mumbai Crowd gathering competition on both sides Thackeray Vs Shinde Dussehra Rallies: चुनाव आयोग के फैसले से पहले दशहरा रैली में असली शिवसेना की लड़ाई, दोनों तरफ भीड़ जुटाने की होड़
दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 

क्यों एकनाथ शिंदे कर रहे असली शिवसेना होने का दावा?

वर्तमान में शिंदे गुट में शिवसेना के 55 में से 40 विधायक हैं. वहीं पार्टी के 18 सांसदों में से 12 शिंदे गुट में हैं. विधायकों और सांसदों के समर्थन के बल पर एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहा है. शिवसेना चूंकि इसकी स्थापना के समय से पिछले 56 वर्षों से हर साल दशहरा रैली का आयोजन करती आ रही है, इसलिए असली शिवसेना का दावा कर रहे एकनाथ शिंदे भी इस बार यह रैली आयोजित कर रहे हैं. 

उद्धव ठाकरे के घर के पास शिंद गुट की रैली

ठाकरे गुट शिवसेना की स्थापना के वर्ष 1966 से इसके लिए पारंपरिक मैदान रहे शिवाजी पार्क में रैली का आयोजन कर रहा है तो शिंदे गुट उपनगरीय बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने जा रहा है. एमएमआरडीए मैदान बांद्रा में ठाकरे परिवार के निजी निवास ‘मातोश्री’ के पास स्थित है. 

शिवाजी पार्क में दो वर्षों के अंतराल के बाद दशहरा रैली आयोजित की जा रही है. कोरोनाकाल के प्रतिबंधों के कारण दो बार रैली नहीं हो सकी.  

पुलिस का कैसा है इंतजाम?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 3,200 अधिकारियों, 15,200 जवानों, 1,500 गार्ड, 20 क्विक रिस्पॉन्स टीम और 15 बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड को दोनों रैलियों के लिए तैनात किया गया है.

सूत्रों के मुताबिक, दोनों रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए 5,000 से ज्यादा बसें, कई छोटे टूरिस्ट वाहन, कारें और एक विशेष ट्रेन बुक की गई है. 

शिंदे गुट ने बुक की ट्रेन और ठाकरे से ज्यादा बसें

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर से दशहरा रैली के लिए एक ट्रेन बुक की गई है. ट्रेन को शिंदे गुट ने बुक किया है जो लोकमान्य तिलक टर्मिनस पहुंचेगी. ऑपरेटर्स के मुताबिक, शिंदे गुट ने अपने समर्थकों को लाने के लिए अलग-अलग जिलों से कम से कम 3,000 बसें बुक की हैं.

इसके अलावा, समर्थकों को एमएमआरडीए ग्राउंड तक लाने के लिए 4,000 के आसपास टूरिस्ट कैब लगाई गई हैं जबकि ठाकरे गुट ने शिवाजी पार्क में उसके समर्थकों को लाने के लिए 700 बसें बुक की हैं. दोनों रैलियों में कई समर्थक अपने निजी वाहनों से भी पहुंचेंगे. यातायात समस्या खड़ी न हो इसके मुंबई यातायात पुलिस ने कमर कस ली है. पीटीआई के मुताबिक, एमएसआरटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 1,700 राज्य द्वारा संचालित बसों को बुक किया गया है.

कैसे शुरू हुआ विवाद? 

बता दें कि इसी साल 20 जून को शिवसेना के 15 और 10 निर्दलीय विधायकों ने तत्कालीन महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. बागी विधायक पहले गुजरात के सूरत पहुंचे थे फिर वहां से असम के गुवाहाटी चले गए थे. 23 जून के एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना के 55 में से 35 विधायक उनके साथ हैं. इसके बाद उन्होंने 39 विधायकों का समर्थन होने की बात कही. 

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल से आग्रह किया कि सरकार से बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा जाए. फडणवीस की मांग पर 28 जून के राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे से सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत परीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. 29 जून को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 30 जून को एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली. एकनाथ शिंदे ने सीएम और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली.

RELATED ARTICLES
error: Content is protected !!