दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- कृषि और पशुपालन मंत्री लाल चन्द कटारिया (Lalchand Kataria) ने शुक्रवार को जोधपुर (Jodhpur) के मंडोर स्थित कृषि विश्वविधालय में आयोजित संभाग स्तरीय कृषि महोत्सव (kisan-Mahotsav) को संबोधित किया. इस दौरान कटारिया ने कहा कि राज्य स्तरीय किसान महोत्सव के आयोजन के बाद संभाग स्तर पर भी इस महोत्सव को आयोजित कर किसानों को कृषि की उन्नत विधियों की जानकारी दी जा रही है, जिससे उनको कृषि उत्पादन में फायदा हो सके.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को परम्परागत खेती के साथ कृषि क्षेत्र में नवाचारों को भी अपनाना चाहिए. इससे कृषि उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी. उन्होने कहा कि मिलेट्स उत्पादन के साथ-साथ हमारा प्रदेश दुग्ध उत्पादन में भी अव्वल स्थान पर है. लाल चन्द कटारिया ने कहा “किसानों को खुशहाल और समृद्ध बनाना राज्य सरकार का प्रमुख उददेश्य है. इसी उददेश्य के साथृ दूसरी बार अलग कृषि बजट पेश कर राज्य ने पूरे देश में मिसाल कायम की है. कृषि बजट में किसानों के लिए नई योजनाओं को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए 12 कृषि मिशन शुरू किए गए हैं.”
सरकार कर रही कृषि शिक्षा को प्रोत्साहित
कृषि मंत्री ने किसान महोत्सव में संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषक कल्याण के लिए समर्पित होकर काम कर रही है. साथ ही कृषक कोष की राशि बढाकर 7 हजार 500 करोड़ रूपये कर दी गई है. इससे किसानों को ज्यादा फायदा हो सकेगा. उन्होने कहा कि किसानों को 2000 यूनिट बिजली प्रतिमाह निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी. इतना ही नहीं टारिया ने कहा कि राज्य में कृषि शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए साढ़े चार वर्ष मे राज्य सरकार द्वारा 49 कृषि कॉलेज खोले गए हैं.
कृषि शिक्षा में बढ़ावा
उन्होंने कहा “कृषि शिक्षा के में छात्र-छात्राओं को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि को बढाया गया है. सिनियर सैकेंडरी के छात्र-छात्राओं की 15 हजार, स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्र-छात्राओं की 25 हजार और पीएचडी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 40 हजार रूपये प्रतिवर्ष कर दी गई है. साथ ही किसानों की फसलों में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा फसल बीमा योजना का संचालन किया जा रहा है. राज्य सरकार पिछले चार वर्षो में 18 हजार 500 करोड़ रूपये का फसल बीमा क्लेम वितरित कर चुकी है.”
कामधेनु निशुल्क बीमा योजना
कृषि और पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत प्रत्येक पशुपालक के दो पशुओं का 40-40 हजार रूपये का निशुल्क बीमा किया जाएगा, जिनका रजिस्ट्रेशन मंहगाई राहत कैंपों में किया जा रहा है. पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबुत करने के लिए दुग्ध उत्पादन संबल योजना के अन्तर्गत अनुदान राशि को दो रूपये से बढाकर पांच रूपये प्रति लीटर किया गया है.
ऊंट संरक्षण योजना
कटारिया ने कहा कि राज्य में ऊंट के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में राज्य सरकार ने अनूठी पहल की है, जिसके अन्तर्गत ऊंट प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए टोडियों के जन्म पर पशुपालकों को दो किश्तो में पांच-पांच हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. यही नहीं ही कटारिया ने कार्यक्रम में राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के अन्तर्गत कृषि कार्य करते हुए काल-ग्रसित किसानों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये की राशि के चेक प्रदान किए.
वहीं कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य को कृषि प्रसंस्कृत उत्पादों का हब बनाने के लिए कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 लागू की गई है, जिसमें कृषि उत्पाद प्रसंस्करणों के लिए कृषकों और गैर कृषकों को क्रमशः 75 और 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है.