द नगर न्यूज़:-लोक सभा चुनाव के दुसरे चरण के परिणाम को लेकर द नगर न्यूज की खास पेशकस लेकर आया है इसमें हमे देखने को मिलेगा की किसके सिर सजेगा ताज और कौन रहेगा निराश…
दूसरे चरण के मतदान में कौन मार रहा है बाजी
अजमेर
यहाँ लगातार 2014 से भाजपा जीत दर्ज करती आ रही है और इस बार भी भाजपा को मजबूती मिल रही है। यहाँ भाजपा से भागीरथ चौधरी बनाम कांग्रेस से रामचंद्र चौधरी हैं। लेकिन धर्म, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर ध्रुवीकरण बीजेपी के पक्ष में जा रहा है। यहां बीजेपी काफ़ी मजबूत नजर आ रही है।
बांसवाड़ा
यहां कांग्रेस का जादू नहीं चला क्योंकि कांग्रेस के प्रत्याशी अरविंद डामोर ने पर्चा भर दिया और कांग्रेस ने BAP के राजकुमार रोत के समर्थन में प्रचार किया और यहां चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्रजीत मालवीय को भाजपा में शामिल कर प्रत्याशी घोषित कर दिया उससे कांग्रेस को खासा नुकशान देखना पड़ेगा परन्तु BAP के रोत की मजबूती भाजपा के मालवीय को टक्कर दे सकती है।
बाड़मेर
राजस्थान में अगर उभरता युवा अगर किसी का फेन बताया जाता है तो वो है रविंद्र सिंह भाटी
राजस्थान की हॉट सीट नाम से जानी जाने वाली बाड़मेर की सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले मे भाजपा के कैलाश चौधरी कांग्रेस से उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय शिव विधायक जो की निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी रण में उतरे और उन्होंने पूरे राजस्थान के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित कर लिया है और यहां राजपूत वोट जो भाजपा समर्थक माने जाते है वो भाटी के कारण भाजपा के हाथों से जा रहा है इस सीट का मुकाबला रोचक नजर आ रहा है यहां पर त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस मजबूत दिख रही है।
भीलवाड़ा
यहां भाजपा से दामोदर अग्रवाल वहीं कांग्रेस से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी है यहां पर पहले कांग्रेस ने दामोदर गुर्जर को टिकिट दिया लेकिन बाद में उम्मीदवार बदला गया जिससे कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है यहां पर प्रत्यासी से ज्यादा चर्चा तो मोदी चहरे की रहती है इससे भाजपा को फायदा हो सकता है यहां पर भाजपा की मजबूती दिखाई दे रही हैं।
चितौड़गढ़
यहां भाजपा के प्रेदशाध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी वहीं कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे उदयलाल आंजना हैं इस सीट पर भाजपा की स्थिति मजबूत है क्योंकि यहां पर राम मंदिर और हिन्दुत्व जैसे मुद्दे बीजेपी के पक्ष में हैं।
जालोर – सिरोही
इस सीट से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत प्रत्याशी हैं और भाजपा ने स्थानीय नेता लुम्बाराम चौधरी चुनावी राण में उतरे है। वैभव के लिए अशोक गहलोत ने अधिकतर समय इस सीट को दिया और अपने बेटे के लिए पूरी रणनीति बनाई। स्थानीय नहीं होने के कारण वैभव को सीट बदलने का फायदा नहीं मिलेगा। यहां गहलोत और चौधरी के बीच जोरदार टक्कर है।
झालावाड़ – बारां
वसुंधरा राजे के गढ़ से बीजेपी ने लगातार पांचवीं बार भी उनके बेटे दुष्यंत सिंह को प्रत्याशी बनाया। वही कांग्रेस से उर्मिला जैन भाया हैं। राजे द्वारा क्षेत्र में कराए गए कामों की बदौलत लोग उनके बेटे दुष्यंत सिंह को खुलकर समर्थन दे रहे हैं। यहाँ पर बीजेपी की मजबूती मानी जा रही है।
जोधपुर
इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत तथा कांग्रेस से करण सिंह चुनाव लड़ रहे है। गजेंद्र सिंह ने पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को बड़े अंतर से हराया था। इस हार के बाद वैभव ने इस बार सीट बदल ली। प्रत्याशी बदलने का नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। शेखावत यहां काफी मजबूत हैं। यहाँ पर बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है।
कोटा – बूंदी
बीजेपी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को तीसरी बार इसी सीट से मौका दिया। बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने मुकाबले को रोचक बना दिया। शहर-कस्बों में बिरला, तो ग्रामीण क्षेत्रों में गुंजल की अच्छी पकड़ है। भाजपा के लिऐ मोदी चहरा भी काम कर सकता है । वहीं गुंजल को कांग्रेस का सहयोग है, लेकिन पार्टी में आने से भीतरघात का खतरा और शांति धारीवाल समर्थकों की नाराजगी का नुकसान भी हो सकता है। यहां बिरला और गुंजल के बीच कांटे की टक्कर है।
पाली
लगातार भाजपा ने पीपी चौधरी को तीसरी बार चुनाव में उतारा। चौधरी दो चुनाव जीत चुके हैं। यहाँ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में संगीता बेनीवाल है। यहां मोदी फैक्टर एवं अन्य मुद्दे यहां पी.पी.चौधरी को मजबूत बना रहे हैं। भाजपा मजबूत दिख रही है।
राजसमंद
दीया कुमारी के विधानसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी से उदयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य महिमा विश्वराज सिंह और कांग्रेस के दामोदर गुर्जर चुनाव लड़ रहे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा सीटें बीजेपी ने जीतीं, कांग्रेस के प्रत्याशी बदलने पर पार्टी को नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता हैं। यहां भाजपा मजबूत नजर आ रही है।
टोंक -सवाई माधोपुर
यहाँ बीजेपी से सुखबीर सिंह जौनपुरिया को तीसरी बार मौका दिया और कांग्रेस से हरीश चंद्र मीणा को। जौनपुरिया मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में हैं। दूसरी तरफ मीणा को सचिन पायलट का सहयोग मिल रहा है। पायलट टोंक से विधायक हैं और उनकी साख भी जुड़ी हुई है। गुर्जर और मीणा वोट बैंक का ध्रुवीकरण रहा है व अन्य जातियों से जो ज्यादा वोट लेगा उसे फायदा मिलेगा। यहां कांटे की टक्कर हैं।
उदयपुर
यहां बीजेपी प्रत्याशी मन्नालाल रावत हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा हैं। तीसरा वजूद यहां बीएपी का है। बीएपी से कांग्रेस का एक सीट पर गठबंधन जरूर है, लेकिन उदयपुर सीट पर बीएपी प्रत्याशी प्रकाश चंद्र बुझ यहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यहां भाजपा मजबूत नजर आ रही है।
नोट:- यह अनुमान है दावा नहीं