दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण किया. खास बात ये है कि इन द्वीपों को परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा. पीएम ने इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में भाग लिया. वहीं, 126वीं जयंती पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पोर्ट ब्लेयर पहुंचे हैं.
पीएम मोदी ने ऑनलाइन इसका उद्घाटन करने के बाद देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा, इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा. आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी. हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे. मैं सभी को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं.
पीएम ने आगे कहा, अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था. सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं. आजादी के बाद नेताजी को भुलाने की कोशिश की गई. ये स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है. दरअसल, नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
आज का भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण- अमित शाह
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया. इस दौरान उन्होंने कहा, आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है. आज प्रधानमंत्री की ये पहल कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को हमारे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़कर उनकी स्मृति को चीरंजीव करने का प्रयास किया गया है. गृह मंत्री आज बोले, जब देश की आजादी आगे बढ़ी और देश को नेताजी ने आजाद हिंद फौज के प्रयास से आजाद कराने का प्रयास किया तब भी इसी हिस्से को देश में सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने का सम्मान मिला और नेताजी के हाथ से इसी द्वीप पर अपना तिरंगा पहली बार लहराया गया.
अधिकारियों ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहरा रहे हैं. इस मैदान का नाम अब ‘नेताजी स्टेडियम’ है. शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने की भी संभावना है जहां भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था.