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पटाखों से दूर ही रहें अस्थमा के मरीज, घुटने लगेगा दम, आ सकता है अस्थमा अटैक

द नगर न्यूज़:- वायु प्रदूषण अस्थमा और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज के मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या है। प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद हानिकारक कण और गैसें श्वांस नली को नुकसान पहुंचाती हैं और सांस लेने में कठिनाई पैदा करती हैं। ऐसे में इन मरीजों के लिए प्रदूषण से बचाव बेहद जरूरी है। खासकर दीवाली के समय, जब पटाखों की वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इस त्योहार के समय अस्थमा या दूसरी किसी रेस्पिरेटरी डिजीज के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। यहां हम इसी बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे प्रदूषण की वजह से इन लोगों को ज्यादा परेशानी हो सकती है और कैसे इससे बचाव कर सकते हैं।

वायु प्रदूषण के प्रभाव

  • अस्थमा के दौरे- प्रदूषण अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकता है।
  • सांस लेने में कठिनाई- प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई होती है, खासकर फिजिकल एक्टिविटी के दौरान।
  • फेफड़ों का फंक्शन बिगड़ना- लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़े खराब हो सकते हैं।
  • इन्फेक्शन का खतरा बढ़ना- प्रदूषण से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

आइए जाने डॉ. प्रतिभा डोगरा (सीनियर कंसलटेंट) से प्रदूषण के इन प्रभावों से बचने के लिए इनका क्या कहना है

  • पटाखों से दूर रहें- पटाखों से निकलने वाला धुआं और केमिकल अस्थमा और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज को और गंभीर बना सकता है। इसलिए ऐसी जगहों से दूर रहें, जहां पटाखे फूट रहे हों या ज्यादा धुआं हो। कोशिश करें कि आप अपने परिवारजनों के साथ ही, घर के अंदर दीवाली मनाएं। जब प्रदूषण ज्यादा बढ़ा हुआ हो, तब भी घर के अंदर ही रहें, बाहर न निकलें।
  • मास्क पहनें- बाहर निकलने से पहले N95 मास्क पहनें। इससे बाहर की धूल-मिट्टी और धुआं फिल्टर होगा और आपको प्रदूषण से कम नुकसान पहुंचेगा।
  • इंहेलर साथ रखें- अपने साथ हमेशा एमर्जेंसी के लिए दवा और इनहेलर रखें। अगर सांस लेने में अचानक कोई परेशानी शुरू हो जाए, तो उस स्थिति में इनहेलर साथ रखना मददगार हो सकता है।
  • हाइड्रेटेड रहें- खूब सारा पानी पिएं। पानी श्वांस नली को गीला रखता है, जिससे म्यूकस की परत ज्यादा मोटी नहीं होती। इससे धूल-धुएं से कम परेशानी होगी।
  • फिजिकल एक्टिविटी कम करें- ऐसी गतिविधियां, जिनमें ज्यादा शारीरिक मेहनत करने की जरूरत होती है या बाहर निकलना पड़े, उन्हें कम से कम करें। प्रदूषण की वजह से फेफड़ों पर काफी जोर पड़ता है। इससे आपकी सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें। घर के अंदर ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
  • घर की हवा को शुद्ध करें- घर के अंदर एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें, खिड़की-दरवाजों को शाम और सुबह के समय बंद करके रखें। घर के अंदर इंडोर प्लांट्स लगाएं। इससे आपके घर के भीतर कम प्रदूषण होगा।
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