दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के वार्डों में भीड़ कम करने के लिए अब अस्पताल सख्ती के मूड में है। हालांकि अस्पताल में भीड़ को कम करने के लिए पास व्यवस्था बहुत पहले से ही लागू है, लेकिन सख्ती नहीं होने और सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही के चलते यह व्यवस्था बहुत कारगर नहीं है। वार्ड में भीड़ कम करने का मुद्दा राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसाइटी की हर बैठक में उठता भी है। कुछ फैसले भी होते हैं, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाता। गत दिनों साेसाइटी की बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने पास व्यवस्था को मजबूत करने के आदेश भी दिए थे, लेकिन भीड़ के सामने ये आदेश हवा हो गए।
वजहों पर नजर
अस्पताल में प्रवेश करने के कई द्वार बने हैं। यूं तो सुरक्षाकर्मी सभी जगह तैनात हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि उनकी सख्ती सिर्फ शुरुआती दो घंटे के लिए होती है, जब राउंड का समय ( सुबह नौ से 11 बजे तक) होता है। उसके बाद, जैसे सभी के लिए द्वार खुल जाते हैं। इस दौरान मरीजों के उन्हीं परिजनों को प्रवेश दिया जाता है, जिनके हाथ में दवा अथवा कोई जांच रिपोर्ट होती है। अन्य परिजनों को सुरक्षा कर्मचारी प्रवेश द्वार के निकट ही रोक देते हैं। राउंड होने के बाद कोई रोक-टोक नजर नहीं आती है। ऐसे में वार्डों में भीड़ जमा हो जाती है।
औसतन पांच हजार का आउटडोर
गौरतलब है कि अस्पताल के अनेक विभागों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का आउटडोर लगभग पांच से सात हजार मरीजों का प्रतिदिन होता है। करीब पांच सौ मरीजों को भर्ती भी किया जाता है। इसमें बच्चा अस्पताल, कैंसर, मेडिसिन तथा प्रसूति रोग विभाग में मरीज अधिक भर्ती होते हैं। नियमानुसार एक मरीज को दो पास जारी किए जाते हैं। कई मरीजों को तो भर्ती होने के साथ ही पास जारी कर दिए जाते हैं, जबकि कई मरीजों को पास जारी ही नहीं किए जाते हैं।
रात के समय पुरुषों के प्रवेश पर रोक
दिन भर तो महिला वार्ड में पुरुषों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है, लेकिन रात 9 बजे बाद महिला वार्ड तथा बच्चा अस्पताल के वार्ड में पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाती है। अगर कोई पुरुष अंदर रहता भी है, तो उसे सुरक्षाकर्मी बाहर निकाल देते हैं।
व्यवस्था को और मजबूत करेंगे
यह सही है कि अस्पताल के अनेक प्रवेश द्वार होने के कारण वार्डों में भीड़ नियंत्रित करना मुश्किल होता है। फिर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि पास व्यवस्था को और सख्ती से लागू की जाए। इसके लिए सुरक्षा कर्मियों को भी निर्देश देंगे।