दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- बीकानेर से दिल्ली एवं मुंबई के लिए वंदे भारत ट्रेन, बीकानेर से कोरबा (छत्तीसगढ़) व बीकानेर से दिल्ली के मध्य जन शताब्दी ट्रेन चलाने सहित कई ट्रेनाें काे नियमित करने के प्रस्ताव क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति व उपरे के उप महाप्रबंधक अनुज तायल काे साैंपे हैं। जेडआरयूसीसी के सदस्याें की जयपुर में हुई बैठक में सदस्य नरेश मित्तल ने कई मांगे अधिकारियाें के समक्ष उठाई है ताकि बीकानेर के जनता काे और अधिक रेल सुविधाएं मिल सके। उन्हाेंने बीकानेर से दिल्ली व मुंबई के लिए वंदे मातरम ट्रेन चलाने के साथ बीकानेर में मेंटीनेंस के लिए टर्मिनल बनाने, बीकानेर से कोरबा (छत्तीसगढ़) के लिए वाया रतनगढ़, चूरू, सीकर, जयपुर हाेकर ट्रेन चलाने, बीकानेर से दिल्ली के मध्य जन शताब्दी ट्रेन चलाने का प्रस्ताव अधिकारियाें काे दिया है।
अवगत करवाया है कि बीकानेर से सुबह पांच बजे ट्रेन चलकर सुबह 11 बजे दिल्ली पहुंचे। शाम में पांच बजे दिल्ली से चलकर रात में 11 बजे बीकानेर आए ताकि व्यापारियाें काे फायदा मिले। सप्ताह में तीन दिन चलने वाली बीकानेर से हावड़ा और बीकानेर-हरिद्वार ट्रेन काे नियमित चलाया जाए। बीकानेर से कालका वाया चंडीगढ़ के लिए नई ट्रेन चलाई जाए। वजह बीकानेर से कालका व चंडीगढ़ के लिए ट्रेन से सीधा संपर्क नहीं है। जयपुर-बांद्रा त्रै-साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस का वाया सीकर, चूरू, बीकानेर तक विस्तार किया जाए। ट्रेन का रैक करीब 11 घंटे जयपुर स्टेशन पर खड़ा रहता है। शनिवार को जयपुर आने वाली ट्रेन का रैक लगभग 34 घंटे जयपुर में ही खड़ा रहता है।
बीकानेर में रेलवे बनाए ड्राईपाेर्ट : बीकानेर जिले में रेलवे की ओर से इनलेंड कंटेनर डिपो स्थापित होने से जिला देश के मानचित्र पर विशिष्ट पहचान रखेगा। बेराेजगाराें काे राेजगार मुहैया हाे सकेगा। निर्यात सुलभ होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों को मार्केट मिलेगा।
बीकानेर एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के नाम से विख्यात है। पापड़, भुजिया, रसगुल्ला के उत्पादन में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनोखी पहचान बनाए हुए है। वर्तमान में बीकानेर में कम से कम 24000 कंटेनर का आयात-निर्यात होता है, जिसमें ऊन, गम पाउडर, मूंगफली, क्ले, वूलन कारपेट, भुजिया-पापड़ आदि प्रमुख है। बीकानेर संभाग में राॅ-वूल, दाले, केमिकल्स, फल व खाद्य उत्पाद, वूडन कलात्मक फर्नीचर आदि उत्पादों का निर्यात किया जाता है।