द नगर न्यूज :- डायबिटीज थाइरोइड ब्लड प्रेशर…! बुढ़ापे के साथ आने वाली ये बीमारियां आपकी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित करती हैं लेकिन अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर के बताए कुछ खास टिप्स (Health Tips for a Youthful Old Age) की मदद से आप न सिर्फ इन बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं बल्कि उम्र के इस पड़ाव में भी जवानों जैसी जिंदगी जी सकते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ आने वाली बीमारियों और कमजोरियों पर लगाम लगाकर बुजुर्गों को एक हेल्दी और एक्टिव लाइफस्टाइल दिया जा सकता है। इस आर्टिकल में हम मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम के ऑर्थोपेडिक्स डायरेक्टर डॉ. विनीश माथुर की मदद से जानेंगे कि किस तरह उम्रदराज लोगों की देखभाल करके उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है और डायबिटीज, थाइरोइड, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
बुढ़ापे में जिएंगे जवानों-सी जिंदगी
बुढ़ापे में भी जवानों की तरह जिंदगी जीने के लिए अपनी सेहत, समाज और खुद पर ध्यान दें। ये तीनों पहलू मिलकर आपको एक संतुष्ट और स्वस्थ जीवन देने में मदद करेंगे। बता दें, बढ़ती उम्र के साथ आने वाली विकलांगताएं लोगों के दैनिक जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं। इनसे चलने-फिरने में दिक्कत होती है, दिमाग कम काम करता है, और कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इससे लोग मानसिक रूप से परेशान रहने लगते हैं और समाज से दूर हो जाते हैं। इन समस्याओं को समझकर हम इनसे बचाव और इलाज के बेहतर तरीके खोज सकते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ सेहत का ख्याल
रेगुलर एक्सरसाइज
अपने शरीर को सक्रिय रखने से आपकी ताकत बढ़ेगी, आप आसानी से चल पाएंगे और स्वस्थ रहेंगे। चलना, तैरना, ताई ची और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे व्यायाम करना बहुत फायदेमंद है। किसी डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेकर आप अपने लिए एक खास एक्सरसाइज प्रोग्राम बना सकते हैं।
बैलेंस डाइट
क्रोनिक बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है। बुजुर्गों को अपने आहार में फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन, साबुत अनाज और हेल्दी फैट शामिल करना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। एक डायटीशियन आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों के हिसाब से एक डाइट चार्ट बना सकता है।
मेंटल सिमुलेशन
अपने दिमाग को तेज रखने के लिए हमें उसे काम देते रहना चाहिए। पढ़ना, पहेलियां सुलझाना, नई चीजें सीखना और लोगों से मिलना-जुलना हमारे दिमाग को तेज रखने के अच्छे तरीके हैं। पेंटिंग या संगीत बजाना भी दिमाग के लिए बहुत अच्छा होता है।
रेगुलर हेल्थ चेकअप
उम्र के साथ आने वाली बीमारियों को रोकने के लिए रेगुलर हेल्थ चेकअप बहुत जरूरी है। खून के दबाव, कोलेस्ट्रॉल और कैंसर जैसी बीमारियों की समय पर जांच कराने से इलाज आसान हो जाता है।
टीकाकरण
टीकाकरण बुजुर्गों को फ्लू, न्यूमोकोकल संक्रमण और शिंगल्स जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में अहम भूमिका निभाता है। नियमित रूप से टीके लगवाकर आप अपनी इम्युनिटी को मजबूत बना सकते हैं और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ा सकते हैं।
उम्र संबंधी विकलांगताओं से बचाव
एसिस्टिव टेक्नोलॉजी और घर में सुधार
घर में कुछ बदलाव करके बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए जीवन आसान बनाया जा सकता है? जैसे कि बाथरूम में ग्रैब बार लगाना, व्हीलचेयर के लिए रैंप बनाना और घर में सेंसर लगाना। इन चीजों से उनकी सुरक्षा बढ़ती है और वे आसानी से अपना काम कर सकते हैं।
मल्टीडिसिप्लिनरी प्लान
विकलांगता को रोकने के लिए डॉक्टर, थेरेपिस्ट और देखभाल करने वाले लोग मिलकर काम करते हैं। वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं और लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।एक स्वस्थ जीवन के लिए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सभी जरूरी हैं। बुजुर्गों को सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए, अपने शौक को पूरा करना चाहिए और समुदाय के संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और ध्यान लगाना भी बहुत जरूरी है।
कम्युनिटी रिसोर्स
समुदाय को बुजुर्गों और उनकी देखभाल करने वालों को ज्यादा से ज्यादा सहयोग देना चाहिए। बुजुर्ग केंद्र, सहायता समूह और घर पर देखभाल जैसी सेवाएं देखभाल करने वालों को सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने, भावनात्मक सहयोग और थोड़ा आराम करने का मौका देती हैं। इसके अलावा, स्थानीय संसाधन जैसे कि परिवहन और भोजन वितरण कार्यक्रम भी इनकी मदद करते हैं।बुजुर्गों को स्वस्थ रहने और खुश रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें स्वस्थ खाना खाना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए। अगर हम सब मिलकर उनकी मदद करें तो वे अपनी उम्र में भी सक्रिय और खुश रह सकते हैं।