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मोमासर ग्रामवासियों ने थानाअधिकारी व तहसीलदार को दिया ज्ञापन, देखे फोटो और विडियो

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- मोमासर गांव के एक पक्ष ने सीएचसी का निर्माण वर्तमान स्थान की बजाय नवीन खुली जगह पर करवाने की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रह्लाद भांभू ने बताया कि मोमासर पंचायत के वर्तमान सरपंच व उपसरपंच राजनीतिक उद्देश्य के चलते राजनेताओं के दबाव में आकर अनर्गल बातों से ग्रामीणों को बरगला रहे है और संकुचित जगह पर ही सीएचसी भवन का निर्माण करवाकर स्वरूप बिगाड़ने का प्रयास कर रहे है। किन्तु वास्तविकता में वर्तमान जगह पर सीएचसी भवन का निर्माण सही ढंग से किया जाना संभव नहीं है।
गांव के युवाओं ने कहा कि वर्तमान में श्रीडूंगरगढ़़ कस्बे के बीच स्थित सीएचसी के हालात सबके सामने है। यहां पर भीड़भाड़ के बीच मरीज का पहुंचना बहुत मुश्किल होता है व बारिश में पानी का भराव भी बड़ी समस्या है। ऐसी समस्या से परिचित होने के बावजूद भी मोमासर गांव के बीच सीएचसी भवन का निर्माण जीवित मक्खी निगलने के समान है। सरपंच के साथ कुछ लोग व्यापारिक व राजनीतिक फायदे के उद्देश्य से गांव के बीच भवन निर्माण करवाना चाहते है। किन्तु ज्यादातर ग्रामीणों का मानना है कि सीएचसी का भवन गांव के बाहर खुली जगह पर हों, जहां पर भविष्य में लम्बे समय तक मरीजों की पहुंच सुविधाजनक व सुगम हों। ग्रामीणों के मुताबिक वर्तमान सीएचसी स्थल पर बरसात के समय जल का भराव हो जाता है तो सीएचसी का विशाल भवन बनने के बाद तो हालात बद से बदतर होना लाजमी है।
वहीं, सीएचसी भवन निर्माण के नाम पर बिना पूर्व अनुमति के हरे-भरे पेड़ों को काटने पर एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रीडूंगरगढ़़ थाने में प्रार्थना पत्र देकर मोमासर सरपंच, उपसरपंच व दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच-उपसरपंच ने हरे-भरे पेड़ों को काटकर खुर्द-बुर्द करवा दिया व आनन-फानन में चोरी-छिपे पेड़ काटने से सीएचसी भवन को नुकसान भी पहुंचा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच व उपसरपंच जनप्रतिनिधि के मूल कर्तव्य को भूलकर अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करके वर्तमान जगह पर सीएचसी निर्माण को लेकर अड़े हुए है व ग्रामीणों को गुमराह कर रहे है। ज्ञापन में मौजुद रहें :- सुभाष कमलिया जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि, राकेश भांभू, दुलाराम मेघवाल, खेताराम सिहाग, मोहन सहु, मघाराम पूर्व प्रधान, भगवाना राम पूनिया, नोरंग नैन, सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजुद रहें ।

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