दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान में चुनाव की तैयारियों में जुटे बीजेपी नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) ने सवाई माधोपुर में आपसी तालमेल के मुद्दे पर फटकार लगाई. उन्होंने पार्टी के प्रर्दशन औऱ कार्यक्रमों में अच्छा समन्वय नही होने की बात कही है.जिलों में हुए कार्यक्रमों में अपेक्षा के अनुरूप भीड़ नहीं जुटना समन्वय की कमी को कारण माना गया है.उन्होंने माना कि मंडल से लेकर विधानसभावार कार्यक्रमों में भीड़ दिखी, लेकिन जिला स्तर पर पार्टी के कार्यक्रम कमजोर नजर आए.इन कार्यक्रमों में कई कमियां भी नजर आई हैं. उन्होंने चुनाव के लिए समन्वय मजबूत बनाकर आगे के कार्यक्रम करने के निर्देश दिए गए हैं.
समन्वय की कमी कहां-कहां नजर आई
दरअसल पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में जन आक्रोश यात्रा के रथ रवानगी कार्यक्रम में आए थे. इस दौरान कार्यक्रम में काफी कुर्सियां खाली रह गई थीं. वहीं गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भाषण का कार्यक्रम निर्धारित समय में नहीं हो पाया था. राजे का भाषण शाह की पहल पर हो पाया. ये सब राजस्थान बीजेपी में हाल में दिखे समन्वय की कमी के मामले हैं. इनसे बीजेपी की किरकिरी हुई थी. इसे पार्टी ने गंभीरता से लिया है. बीजेपी में गुटबाजी की शिकायत का समन्वय शब्द से इलाज करने की नीति पार्टी के शीर्ष संगठन ने तय कर रखी है. इसी फार्मूले का दूसरे चुनावी राज्यों में भी प्रयोग होगा.
क्या रहे कर्नाटक में बीजेपी की हार के कारण
बीएल संतोष ने कहा कि जिस तरह से समन्वय की कमी की रिपोर्ट राजस्थान की है, उसी तरह से कर्नाटक में भी इसकी कमी रही. कर्नाटक में हार के कारणों में से एक कारण इसे भी संगठन ने माना है.राजस्थान में जीत की रिपोर्ट है. ऐसे में संगठन स्तर पर किसी तरह की कमी या चूक नहीं होनी चाहिए.सभी नेताओं को एकजुट और मिलजुलकर चुनाव के लिए जुटना है.नए पदाधिकारियों को पुराने पदाधिकारी या नेताओं के साथ पूरी तरह समन्वय बनाकर चलना होगा.