दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी सरकार के गठन को लेकर तेजी नहीं दिखा पा रही है। तीन दिसम्बर को नतीजे आने के बाद आम जनमानस के साथ पार्टी कार्यकर्त्ता भी यह मान कर चल रहे थे सीएम पद के लिए चेहरे का ऐलान जल्द ही हो जाएगा। लेकिन, पांच दिन भी इस पद को लेकर रस्साकसी चल रही है। कहने को तो पार्टी आलाकमान ने सीएम का नाम पहले ही तय कर रखा है लेकिन उसकी घोषणा में हो रही देरी से अब कई सवाल उठने लगे है।
इधर, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सीएम के पद को लेकर एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इस बीच, भाजपा ने सीएम पद के चयन के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्तियां कर दी है। इसकी मुख्य कमान राजनाथ सिंह को सौंपी गई है। कहा जा रहा है कि आलाकमान ने उन पर यह भरोसा जता रहा है कि वे कोई सर्वमान्य नाम उनके समक्ष रखकर सियासी माहौल को पार्टी के पक्ष में कर देंगे। इसे लेकर उनके प्लान की भी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है।
बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता ने आलाकमान के साथ-साथ नवनिर्वाचित विधायकों की चिंता भी बढ़ा दी है। आपको बता दें कि वसुंधरा राजे इन दिनों दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। वहीं, उनके समर्थक विधायक उनकी हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। इधर, जानकार सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान ने सीएम पद के लिए किसी एक चेहरे का नाम तय कर चुका है। अब केवल वसुंधरा राजे को साधने की कोशिश मात्र हो रही है। सूत्र यह बताते हैं कि रविवार यानी 10 दिसम्बर को आलाकमान सीएम के चेहरे का ऐलान कर देगा। इसके बाद मलमास शुरू होने से पहले 15 दिसम्बर को शपथ दिला दी जाएगी। अब यह देखना है कि आने वाले दिनों में ऊंट किस करवट पर बैठता है।