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राजस्थान में स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा शतरंज की शह मात का खेल, शिक्षामंत्री बीडी कल्ला ने बताई ये वजह

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान के 60 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम प्रारंभ होगा। 19 नवंबर को इंदिरा गांधी की जयंती से यह कार्यक्रम शुरू होगा। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला ने यह जानकारी दी। मंत्री कल्ला ने बताया कि हर महीने के तीसरे शनिवार को ‘नो बैग डे’ के दौरान शतरंज खेला जाएगा। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला ने बीकानेर के रमेश स्कूल में  66 वीं जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के तहत शतरंज प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह के दौरान यह बात कही। शिक्षामंत्री ने कहा कि देशभर में पहली बार राजस्थान में यह पहल शुरू होने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 60 हजार से अधिक स्कूलों में खेल ग्राउंड से चेस बोर्ड और अन्य सामग्री खरीदी जाएगी। इस प्रतियोगिता के माध्यम से सरकार छात्रों को शतरंज में पारंगत करेगी।

पहली बार स्कूलों के खेल में शामिल किया

बता दें राजस्थान में शतरंज को पहली बार स्कूलों के खेल में शामिल किया गया है। इसके बाद शतरंज की जिला एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं शामिल हो रही है। इस प्रतियोगिता में भागीदारी निभाने वाले बाल शातिर आने वाले समय में शतरंज की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्पर्धाओं में राजस्थान का नाम रोशन करेंगे। सरकार का मानना है कि बच्चे टीवी और मोबाइल के जाल में फंसते जा रहे हैं। इससे बच्चों का मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है। 

सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना होगी

गहलोत सरकार की मंशा है कि राजस्थान से अधिक से अधिक ग्रेंड मास्टर बने। ऐसे में शतंरज जैसे खेल से विद्यार्थियों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना होगी। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला का मानना है कि मष्तिषक के समुचित विकास के लिए शतरंज जैसा खेल खेलना आवश्यक है। 

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