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RAJASTHAN PARLIAMENT: साइबर क्राइम पर सवाल पर दो एक्स-होम मिनिस्टर आमने-सामने, जानें कैसे चली नोक-झोंक

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान विधानसभा बजट सत्र में आज की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। गृह विभाग से जुड़े पहले ही सवाल पर भाजपा ने सरकार को घेरना चाहा। विधायक संदीप शर्मा ने प्रदेश में साइबर क्राइम के दर्ज़ प्रकरणों, पेश हुए चालानों और एफआर सहित ऐसे क्राइम पर नियंत्रण पाने के सरकारी प्रयासों के बारे में जानना चाहा।

दो पूर्व गृह मंत्री आमने-सामने सवाल का जवाब गृह मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने दिया। इधर धारीवाल के जवाब से पूर्व गृह मंत्री व नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया असंतुष्ट दिखे, जिसके बाद दो पूर्व गृह मंत्रियों के बीच विषय को लेकर तीखी नोंक-झोंक भी हुई।

धारीवाल ने सदन में पेश किये आंकड़े
मंत्री धारीवाल ने आंकड़ों के साथ जानकारी देते हुए बताया कि विगत 3 वर्षों में प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के 2 हज़ार 427 प्रकरण और साइबर क्राइम के 4 हज़ार 405 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इनमें पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी में दर्ज प्रकरणों में 260 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 253 प्रकरणों में चालान पेश किये गए हैं। वहीं 1 हज़ार 841 प्रकरणों को झूठा पाए जाने के कारण एफआर लगाया गया है। वहीं साइबर अपराध के दर्ज प्रकरणों में 1 हज़ार 474 अभियुक्तों की गिरफ्तारी, 1 हज़ार 443 प्रकरणों में चालान और 2 हज़ार 278 प्रकरणों में एफआर पेश की गई है।प्रकरणों में वृद्धि का कारण जागरूकता’
एक सवाल के जवाब में मंत्री धारीवाल ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकने में किए गए प्रयासों के लिए साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट का गठन किये गया था, जिसके बाद जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके कारण साइबर अपराधों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है।

‘ट्रेंड कार्मिक ही करते हैं अनुसंधान’
धारीवाल ने बताया कि इन साइबर प्रकरणों की जांच साधारण पुलिस नहीं, बल्कि प्रशिक्षित कार्मिकों द्वारा की जाती है। कार्मिकों को बाकायदा ऐसे मामलों की अनुसंधान करने की ट्रेनिंग दी जाती है, उसके बाद ही उन्हें पदस्थापित किया जाता है और तफ्तीश दी जाती है। धारीवाल ने बताया कि 3 नवंबर 2022 को 32 साइबर थाना खोलने की घोषणा हुई थी, जिनमें से 18 थाने खोल दिए गए हैं शेष प्रक्रियाधीन हैं।

कटारिया ने पूछा, ‘पुलिस फेल या पास’?

मंत्री शांति धारीवाल की ओर से पेश आंकड़ों और जवाब से नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया संतुष्ट नज़र नहीं आये। उन्होंने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि साइबर अपराधों के दर्ज प्रकरणों की तुलना में चालान पेश किये गए प्रकरणों की संख्या लगभग सिर्फ 1 प्रतिशत है, जबकि तीन चौथाई से भी ज्यादा प्रकरणों में एफआर लगी है। इससे क्या माने कि सरकार और पुलिस फेल हुई है या पास?

प्रश्नकाल में ये मामले भी उठे

– विधायक मदन दिलावर ने कोटा में नगर पालिकाओं की ओर से शुल्क वसूली का मामला उठाया। जवाब नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने दिया। धारीवाल ने कहा, रामगंज मंडी में कोई सफाई शुल्क नहीं वसूला जा रहा है। जो कोई सड़क पर कचरा फैला देता हैं उस पर जुर्माना लगाया जाता हैं।

– विधायक रामनारायण मीणा ने राज्य पक्षी गोडावण की संख्या कम होने और लुप्त होने के संबंध में सवाल पूछा। मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोटा-बारां में चंबल फर्टिलाइजर के लगने के बाद गोडावण लुप्त हो गए हैं। जवाब में मंत्री ने इस बात को सिरे से नकारते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है।

– विधायक बिहारी लाल ने नोखा में उप पंजीयक पद का लंबे समय से खाली होने पर सवाल किया। जवाब में राजस्व मंत्री रामलाल ने कहा कि अभी तहसीलदार को कार्यभार दिया हुआ है। जल्दी ही इस पद को भर दिया जाएगा।

– विधायक पानाचंद मेघवाल ने बांध निर्माण से आसपास के इलाके में भवन, पुलिया के टूटने का मामला उठाया। जवाब आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने दिया।

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