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विशाल कवि सम्मेलन किया गया श्रीडूंगरगढ़ में, जाने कौन-कौन आये

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- इण आजादी री इज्जत नैं, म्हे राजस्थान्यां राखी है, हास्य की फुहारों के बीच लगते रहे हंसी के ठहाके श्रीडूंगरगढ़. जीवन मूल्यों की पड़ताल और अपने होने का एहसास कराते हुए श्रृंगार, वीर रस एवं हास्य से भरे गीत, कविताएं व गजल के शेर की हर पंक्ति पर श्रोताओं का हुजूम सर्द रात में वाह वाह की दाद देते रहे। यह अवसर श्रीडूंगरगढ़ की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति व राजस्थान साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आयोजित कवि सम्मेलन का था।
यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित संस्कृति भवन परिसर में शनिवार रात्रि को हुए कवि सम्मेलन में डीडवाना के राजस्थानी कवि गीतकार डॉ. गजादान चारण ने डिगल में “प्रमाण अलेखूं पुख्ता है, इतिहास जिकण रो साखी है, इण आजादी री इज्जत नैं, म्हे राजस्थान्यां राखी है” प्रस्तुत करते हुए राजस्थानी गौरवशाली गाथा का गान किया। वहीं सूरतगढ के कवि शायर राजेश चड्ढा ने “आज फिर याद पुरानी वो कहानी आयी, उम्र सहमी सी हुई फिर से जवानी आयी” पेश कर श्रोताओं को रूमानियत के भावों से सराबोर कर दिया। इस मौके पर भादरा के कवि शायर पवन शर्मा ने अपनी गजल “किसका क्या-क्या लगता हूं, फिर भी तन्हा लगता हूं” सहित अपने गीत गजलों और शेरों से वाहवाही बटोरी।
सम्मेलन का संचालन करते हुए कवयित्री मोनिका गौड़ ने “सुबह दोपहर शाम बहुत है, इश्क में मुझको काम बहुत है” गीत के माध्यम से रिश्तों के भीतर के नेह की बाकमाल प्रस्तुति दी। कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने “मौसमों के झूठे वादे फिर भी मन आश्वस्त है” आदि प्रस्तुतियां देकर जीवन और जीवन में स्नेह के भावों को साकार कर दाद बटोरी।
राजस्थानी-हिन्दी के कवि शंकरसिंह राजपुरोहित ने मोबाइल के बढते चलन से रिश्तों में बढती दूरियां पर और रूलपट रासौ हास्य रचनाओं ने खूब तालियां बटोरी। रावतसर के कवि गीतकार रूपसिंह राजपुरी ने जीवन के पल पल से जुड़े हास्य ने श्रोताओं को गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। बीझासर के कवि गीतकार छैलू चारण छैल ने भारत भू पर विघन पङा है छलनी छलनी छाती, तारनहारे तार सके तो सुन ले मेरी पाती” रचना प्रतुत की। जोधपुर की कवयित्री मधुर परिहार ने परिदों को कफस की तिलियो से दूर ही रखना, खुले आकाश मे इनका चहकना ठीक लगता है” पेश कर दाद बटोरी।
इसके अलावा कवि-शायर नेमीचंद पारीक, रतनगढ़ के मनोज चारण, कैलाश दान कविया, गोपाल पुरोहित, नन्द सारस्वत ने अपनी कविताओं, गीतों और गजलों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को भावविभोर किया। कवि सम्मेलन के मौके पर संस्थान की ओर से कवियों गीतकारो का सम्मान किया गया। संस्थान अध्यक्ष श्याम महर्षि ने आभार जताया।

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