दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सरदारशहर विधानसभा में होगा उपचुनाव बीजेपी व काग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण होगा.
भवरलाल शर्मा के निधन के बाद ये सिट खाली हो गयी है, जो कांग्रेस विधायक थे. कांग्रेस जहां अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम पर जनता के बीच वोट मांगेगी तो वहीं बीजेपी इन चुनावों में कांग्रेस की अंदरूनी कलह, कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है।
सरदारशहर उपचुनाव कितना महत्वपूर्ण है
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के चुनावों में कांग्रेस को राज्य में 99 सीटें मिली थी। लेकिन चुनावों के बीच ही अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी का निधन हो गया था। जिससे चुनाव आयोग ने रामगढ़ विधानसभा सीट का चुनाव स्थगित कर दिया था। बाद में जब यहां चुनाव हुए तो कांग्रेस की ओर से साफिया जुवैर चुनाव जीतने में कामयाब रही तब तक सूबे में कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी। जाहिर सी बात है इसका साफिया जुबेर को फायदा भी मिली। रामगढ़ सीट को जीतकर ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 हुई थी।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव हुए तो नागौर की खींवसर विधानसभा सीट से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद बन गए. और झुंझुनू की मंडावा सीट के विधायक नरेंद्र कुमार को बीजेपी ने टिकट दिया तो वो भी झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद बन गए. इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हुए तो राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस को मंडावा सीट पर फायदा मिला. रीटा चौधरी चुनाव जीतने में कायमाब रही. हालांकि खींवसर विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल जीते।
अप्रैल 2021 में 3 सीटों पर उपचुनाव
अप्रैल 2021 में राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए तीनों सीटों पर तत्कालीन विधायकों का निधन होने से वो सीटें खाली हुई थी. चूरू के सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक और उस समय अशोक गहलोत सरकार के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, भीलवाड़ा की सहाड़ा विधानसभा सीट से एमएलए कैलाश चंद्र त्रिवेदी और राजसमंद से भाजपा MLA किरण माहेश्वरी का निधन हो गया था. इन तीनों सीटों पर उपचुनाव हुए तो तीनों जगहों पर दिवंगत विधायकों के परिवार वालों को बीजेपी कांग्रेस ने टिकट दिया. परिणाम भी वही रहे. 2 सीटों पर कांग्रेस और पर बीजेपी जीतने में कायमाब रही।
अक्टूबर 2021 में 2 सीटों पर उपचुनाव
राजस्थान में अक्टूबर 2021 में भी 2 सीटों पर उपचुनाव हुआ। उदयपुर की गल्लभनगर सीट और प्रतापगढ़ की धरियावद सीटें खाली हुई। वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया। शक्तावत को सचिन पायलट का बेहद करीबी माना जाता था। सियासी संकट के समय भी शक्तावत सचिन पायलट खेमे में शामिल थे। धरियावद सीट से एमएलए गीतमलाल निनामा का निधन हो गया था। निनामा बीजेपी से विधायक थे। लेकिन जब उपचुनाव हुए तो ये दोनों सीटें कांग्रेस जीतने में कायगाव रही। इस तरह कांग्रेस बीजेपी से एक सीट छीनने में कामयाब रही।
अब सरदारशहर सीट पर उपचुनाव
राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद ये 8 वीं विधानसभा सीट है जहां चुनाव हो रहे है. अलवर की रामगढ़ सीट से शुरू हुए चुनावों के सिलसिले में अब सरदारशहर विधानसभा सीट से विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन होने के बाद यहां उपचुनाव हो रहे है। यहां अगर कांग्रेस जीतती है तो ये सामान्य परिणाम होगा। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने और दिवंगत विधायक का भी कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक होने के बावजूद अगर यहां बीजेपी चुनाव जीतती है तो ये सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।