दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान में ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर ‘रण’ सा छिड़ गया था. कांग्रेस पार्टी और अन्य दल के जाट नेता सरकार के खिलाफ आंदोलन की राह में थे. ऐसे में अब बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा उलटफेर करते हुए कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम ने कहा कि ओबीसी के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा ने सभी से बात की है. उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को हमारी सरकार से बेहतर कोई काम नहीं कर सकता है. ओबीसी आरक्षण के आंदोलन कर रहे युवाओं की मांग वाजिब है. गहलोत ने कहा हमने देश में 16 राज्यों और केंद्र के अंदर सर्वे कराया है जो फार्मूला वहां लागू है वहीं यहां पर भी लागू होगा. कुछ लोग भ्रम फैला रहे है. ये सब बंद होना चाहिए. ये जातिगत मुद्दा नहीं है.
राज्य भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण देने पर विचार
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक सहित देश के अधिकांश राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण के नियमों का अध्ययन कराया गया. इनमें ऐसे बड़े राज्यों, जिनमें भूतपूर्व सैनिकों को भर्तियों में 5 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है, उनके बारे में विस्तृत जानकारी ली गई. साथ ही विभिन्न राज्यों के भर्ती आयोगों और चयन बोर्ड की भर्ती विज्ञप्तियों का भी अध्ययन किया गया.
उदाहरण के तौर पर भारत सरकार की भर्तियों, दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड भर्ती आयोग और पंजाब पुलिस भर्ती की विज्ञप्तियों में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण श्रेणीवार निर्धारित कर ही विज्ञप्तियां जारी की जाती है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा विभिन्न सैनिक संगठनों, भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल और सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक से भी विस्तृत चर्चा की गई. महाधिवक्ता के साथ बैठक में उन्होंने भी भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) कम्पार्टमेंट वाईज करने को विधिक रूप से उचित माना.
झारखंड की तरह यहां भी लागू हो आरक्षण
वहीं कांग्रेस यूथ लीडर सुरेश कुमार यादव ने ओबीसी आरक्षण विसंगति दूर करने के तरीके बताए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सबसे ज्यादा जनसंख्या ओबीसी की है उसके बावजूद भी ओबीसी को अपना पूरा हक और अधिकार नहीं मिल रहा है. अन्य प्रदेशों में 21% से बढ़ाकर 27% आरक्षण किया जा रहा है तो यह राजस्थान में क्यों नहीं हो सकता ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्दी से आरक्षण को 27 परसेंट करने की कोशिश करें. जिससे राजस्थान के युवाओं में ओबीसी के युवाओं में भविष्य को लेकर चिंता खत्म हो. नहीं तो राजस्थान का युवा और राजस्थान के ओबीसी के लोग सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे. कुछ ही दिनों पहले झारखंड में भी 21% से बढ़ाकर 27% आरक्षण ओबीसी का किया गया. उसी तर्ज पर यहां भी सरकार जल्दी से यहां भी लागू करें.