द नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- सूडसर में अवाड़ा कम्पनी के खिलाफ पीछले 23 दिनों से धरना चल रहा था जिसमें सूडसर के ग्रामीण अपनी मुख्य मांगो को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहें थे परन्तु किसानों व कंपनियों के बीच 22 दिनों में किसी प्रकार की वार्ता नहीं हुई और आंदोलनकारियों ने आन्दोलन को जारी रखा और धरने के 22 वें दिन रविवार को अखिल भारतीय किसान सभा ने धरने को समर्थन देते हुए सोमवार को धरने पर किसान महापंचायत का ऐलान किया और सोमवार को आयोजित किसान महापंचायत की अध्यक्षता कोजाराम खोड़ ने की और पूर्व विधायक महिया भी इस दौरान 23 वें दिन धरने पर किसान महापंचायत में पहुंचे। पुर्व विधायक महिया ने प्रशासन को वार्ता आमंत्रण के लिए 15 मिनट का अल्टीमेट दिया जिसमें कम्पनी व ग्रामीणों के मध्य वार्ता का न्यौता लेकर शेरुणा थानाधिकारी पवन शर्मा पहुंचें और 30 मिनट में श्रीडूंगरगढ़ से प्रशासन पहुंचने की बात कहते हुए वार्ता का न्यौता दिया। धरनार्थियों का प्रतिनिधि मंडल कम्पनी के साथ वार्ता में शामिल हुऐ। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल मे पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया, माकपा नेता अशोक शर्मा, माकपा तहसील सचिव मोहन भादू, शिक्षक नेता कोडाराम भादू व पूर्णाराम भादू थे। जिनकी पहली वार्ता 45 मिनट तक चली और मांगों पर पूर्ण सहमती नहीं बनने पर पूर्व विधायक महिया वार्ता के बीच खड़े हो गए ओर वार्ता को नकारते हुए वार्ता कक्ष से बाहर किसानों के बीच जा पहुंचे। इसी के साथ प्रशासन व कम्पनी के कर्मचारियों ने पुनः किसानों के प्रतिनिधि मंडल को न्यौता भेजा और वार्ता के लिए आमंत्रण दिया। किसानों का प्रतिनिधि मंडल दुसरी बार वार्ता में शामिल होने के लिए पहुंचा और लंबी वार्ता के बाद किसानों की सभी मांगों पर सहमति बनी प्रतिनिधि मंडल व कम्पनी के बीच दुसरी वार्ता करीब 2 घंटे तक चली और लिखित समझौते के साथ किसानों व कम्पनी के बीच सहमती बनी।
धरने के दौरान ये रहे मुख्य वक्ता:-
बड़ी कम्पनियां नोएडा से शुरु हो कर अब सूडसर की जमीन को हड़पने का काम कर रहीं है, अगर ग्रामीण एक नही हुए तो आस पास की जमीन को हड़पने का काम करेगी कम्पनियां, धरना देना बड़ी बात नहीं है धरने को सफल बनाना बड़ी बात हैं, अभी भी हम अगर एक हो कर इस लड़ाई को नहीं लड़ेंगे तो “थारी आंगली,थारी आंख” का खेल शुरु कर देगी, क्योंकि कम्पनी को समझाने के लिए ” एको चेतो और खुडको” जरूरी हैं। कम्पनी के साथ सरकार व प्रशासन के भी लोग साथ में मिले हुए हैं। कम्पनी को ललकारते हुए आज अगर फैसला नहीं हुआ तो जिला महापंचायत का करेंगे ऐलान – पूर्व विधायक महिया
जैसे ब्रिटिश कंपनिया भारत पर राज करने व भारत के लोगो का शोषण करने के लिए बड़े बड़े हथकंडे अपना रही थीं ठीक उसी प्रकार ये अवाडा कम्पनी के कर्मचारी कर रहें है ये भी उन्ही की तरह ” फूट डालो राज करो” की नीति अपना रहें हैं परन्तु उन्हें ये पता नहीं हैं की ये सूडसर हैं ये लड़ाको लोगों का क्षेत्र हैं यहां इस प्रकार की नीतियों को कभी भी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जायेगा – अशोक शर्मा माकपा नेता
ये अवाडा कम्पनी ग्रामीणों को नौकरी व ग्रामीणों के वाहन को कम्पनी में लगाने के नाम पर धोखा दे रहीं है। कम्पनी को ललकारते हुए कहा की 13 महीनों तक दिल्ली की सड़को पर बैठ कर केंद्र की सरकार झुकाने वाले किसान हैं आपका झुकाने का भी हम होशला रखते हैं – मोहन भादू माकपा तहसील सचिव
ग्रामीणों की जमीन हड़पते समय ग्रामीणों को बड़े बड़े सपनों में तोला और अब मिट्टी में मिलाने की सोच रही हे ये अवाडा कम्पनी तो ये वादों से मुकरने वालो को सबक सिखाना जरूरी है क्योंकि ये ग्रामीणों को गुमराह कर रहें हैं और हमारे साथ कॉमरेड जैसे नेता बैठे है जिन्होंने वसुंधरा के भी घुटने टीका दिए तो ये केवल एक कम्पनी है- कोडाराम भादू शिक्षक नेता
धरना लगाना और धरने को चलाने में अंतर होता हैं क्योंकि धरने पर मजबूती चाहिए और सूडसर के लोग तो धरनों के राजा हैं यहां गुंडागर्दी व वादाखिलाफी से काम नहीं कर सकती ये कम्पनी- मुखराम गोदारा माकपा नेता
ग्रामीणों का पिछले 23 दिनों से धरना चल रहा है परन्तु अभी तक मांगो पर सहमती नहीं होना सही नही है प्रशासन को ग्रामीणों व कम्पनी के बीच सकारात्मक निर्णय जरूरी हैं – दानाराम घिंटाला RLP जिलाध्यक्ष
अगर ये अवाडा कम्पनी ग्रामीणों की बातो को नहीं मानती हैं तो ईंट से ईंट बजाने की क्षमता सूडसर के ग्रामीण रखते हैं – सुनिल कुमार मेघवाल टेऊ सरपंच
मैने अवाडा कम्पनी को 110 बीघा जमीन दी है परन्तु सूडसर ग्रामीणों के साथ होने वाला अन्याय कभी भी सहन नहीं किया जाएंगे- शमशेर सिंह
वार्ता के दौरान ग्रामीणों की इन मांगो पर बनी सहमति:-
प्रतिनिधिमंडल व कंपनी के मध्य हुआ लिखित समझौता
1. अधिकृत भूमि के किसानो व परिवारजनों को रोजगार के लिए योग्यता अनुसार प्राथमिक दी जाएगी। जिसमे 20 प्रतिशत बाहर के तथा 80 प्रतिशत लोकल के लोगो को प्राथमिकता दी जाएगी। जिनका लोकल पुलिस थाने से चरित्र प्रमाण पात्र प्राप्त करना होगा। उचित व्यक्तियों की लिस्ट जारी कर मोहन भादू, अशोक शर्मा व कोडाराम भादू द्वारा उक्त व्यक्तियों की जिम्मेदारी ली जाएगी।
2. स्थानीय वेण्डर्स या उनके परिवारजनों को कम्पनी के तय मूल्यों एवं वैधानिक अनुपालना के साथ काम कराया जायेगा।
3. स्थानीय लोगो के संसाधनों (ट्रेक्टर, जेसीबी, हाइड्रा) को कम्पनी के तय मानकों के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।
4. पर्यवारण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पौधरोपण कार्य प्रस्तावित है।
5. ऑपरेटिंग व मैंटेनैंस में स्थानीय लोगो को तकनिकी जानकारी के अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी।
6. विद्युत कनेक्शनों के सम्बन्ध मे काश्तकार द्वारा विद्युत विभाग को कनेक्शन देनी के लिए आवेदन देना होगा। लीज/ क्रय के पहले की बकाया राशि काश्तकार को वहन करनी होगी।
7. जो कार्य आदेश पूर्व दिए जा चुके है वे यथावत रहेंगे तथा आगामी कार्य के लिए गांव वालो को प्राथमिकता दी जाएगी। 5 IRC बाहर की फर्मो को दी जाएगी तथा 19 IRC स्थानीय फर्मो को दी जाएगी
8. कम्पनी के अधिकारी व ग्रामीणों के सहयोग से जमीनी विवाद व रास्ते की समस्या सुलझाई जाएगी।
किसान महापंचायत के दौरान ये किसान नेता रहें शामिल :-
पुर्व विधायक गिरधारीलाल महिया, कोडाराम भादू शिक्षक नेता, दानाराम घिंटाला RLP जिलाध्यक्ष, सुनिल कुमार मेघवाल टेऊ सरपंच, मोडाराम महिया दुलचासर सरपंच प्रतिनिधी, दानाराम भादू देराजसर पूर्व सरपंच, अशोक शर्मा पूर्व माकपा सचिव, मोहन भादू सचिव माकपा, मुखराम गोदारा किसान नेता, लालूराम सारण उप सरपंच टेऊ, राकेश भादू युवा नेता
किसान महापंचायत का मंच संचालन युवा नेता भागीरथ भादू ने किया।
प्रतिनिधि मंडल व कम्पनी के बीच विफल वार्ता के बाद दुसरी वार्ता सफल रही और लिखित समझौते के साथ किसानों के 23 दिनों के संघर्ष की जीत हुई और उसके बाद ग्रामीणों ने DJ के साथ सैंकड़ों वाहनों सहित धरना स्थल से लेकर गांव के मुख्य मार्गों से गुलाल खेलते हुए पटाखे फोड़े व जुलूस निकाला।
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