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अब राजस्थान में जल्द होगा मुख्यमंत्री पर फैसला, बीजेपी ने इन्हें बना दिया है पर्यवेक्षक

दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- में मुख्यमंत्री के चयन के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक कदम आगे बढ़ा लिया है. बीजेपी ने राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. पार्टी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाया है. बीजेपी के ये तीनों दिग्गज अब राज्य में जाकर मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों से बातचीत करेंगे और फिर पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. 

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इन ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट के आधार पर ही राजस्थान के मुख्यमंत्री चुनेगा. केंद्रीय नेतृत्व द्वारा चुने जाने के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के नाम का ऐलान किया जाएगा और वहां औपचारिक सहमति ली जाएगी. इसके बाद मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख तय की जाएगी. यानी राजस्थान के मुख्यमंत्री के चयन की तैयारी शुरू हो गई है और इस प्रक्रिया का सबसे अहम कदम यानी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है. 

राजस्थान में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, लेकिन पूर्ण बहुमत होने के बाद भी बीजेपी मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई है. दरअसल मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के बाद राज्य में किसी भी तरह की गुटबाजी के चलते पार्टी में बंटवारा न हो जाए इसके चलते मुख्यमंत्री पर पशो-पेश जारी है. वहीं राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी बढ़ गए हैं. 

ये हैं बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदार

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की सबसे बड़ी दावेदार कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हैं. उन्होंने विधायकों को अपने घर बुलाकर और केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर आर्म ट्विस्टिंग भी शुरू कर दी है. वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, अर्जुन मेघवाल और सीपी जोशी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. बीजेपी ने इस बार सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वाया था और उनको लेकर बन रहे समीकरणों के चलते कुछ नाम और मुख्यमंत्री पद की रेस में आ गए हैं. बाबा बालक नाथ, राज्यवर्धन सिंह, दिया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा, ओम बिरला और ओम माथुर भी इसी कारण से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो गए हैं. 

राजस्थान के चुनाव में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के जमीनी स्तर पर किए गए काम के चलते बीजेपी को भारी बहुमत मिला है. ऐसे में पार्टी के भीतर की गुटबाजी को दबाने के लिए हरियाणा वाले फॉर्मूले पर भी काम किया जा सकता है और आरएसएस से भी किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इस संभावना ने सुनील बंसल और निंबाराम को मुख्यमंत्री पद की रेस में ला दिया है. अब बीजेपी के पर्यवेक्षक विधायकों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार का चयन करेंगे और केंद्रीय नेतृत्व को बताएंगे.

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