द नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पिछले साल 5 दिसंबर को घर में घुस हमलावरों ने हत्या कर दी थी. अगले दिन 6 दिसंबर को पूरे देशभर में प्रदर्शन हुए थे.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का मामला एक बार फिर उठने लगा है. उदयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मेवाड़ के पदाधिकारियों ने गुरुवार (7 मार्च) को कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया.
इस मौके पर राजपूत करणी सेना ने राजस्थान की बीजेपी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हत्या के मामले से जुड़ी उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, तो लोकसभा चुनाव में राजपूत समाज अपनी ताकत दिखाएगा और उग्र आंदोलन करेंगे.
बता दें, बीते साल 5 दिसंबर को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामड़ी की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद राजपूत समाज ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था. जिसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है. राजपूत समाज के लोगों ने आज फिर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से कई मांगे की हैं.
ज्ञापन में की गई ये मांगे
- इस हत्याकांड के दो महीने बीत चुके हैं और एनआईए अभी तक मुख्य षडयंत्रकारियों को गिरफ्तार करना तो दूर उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी नहीं किया है. एनआईए ने सिर्फ परिवारजनों से पूछताछ कर उनको ही परेशान किया है. एनआईए ने अभी तक एक बार भी प्रेसवार्ता करके इस मामले में समाज के सामने कुछ भी नहीं रखा है.
- सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और अजीत सिंह शेखावत के आश्रितों को आर्थिक पैकेज और योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने की तुरंत घोषणा की जाए. घायल हुए नरेन्द्र सिंह और हेमराज खटीक के लिए आर्थिक सहायता के लिए कार्रवाई हो.
- गोगामेड़ी को राजस्थान पुलिस के एडीजी, आईजी, एसपी रैंक के पदाधिकारी, जिन्होंने जानबूझकर उनको सुरक्षा नहीं दी, इस कारण वे भी हत्या के उतने ही भागीदार हैं. उनको अभी तक बर्खास्त करना तो दूर की बात उनके खिलाफ अभी तक कोई विभागीय जांच तक नहीं बैठी है. इसलिए यह समाज कि ये मांग है कि तत्कालीन एसपी योगेश गोयल को तुरन्त प्रभाव से सस्पेंड किया जाए.
- पूर्व वार्ता में तय की गई मांग को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. जैसे परिवारजन और गवाह को अभी तक पीएसओ सुरक्षा नहीं मिली है. सुरक्षा के स्थाई आदेश जारी किए जाए. इसके अलावा अन्य मांगों को भी पूरा किया जाए.