BJP ने राजस्थान में सीएम की तरह ही नये चेहरे मदन राठौड़ को बनाया प्रदेशाध्यक्ष, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधा
द नगर न्यूज़:- बीजेपी ने राजस्थान में ओबीसी चेहरे मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक फिर वैसा ही दांव खेला है जैसा सात माह पहले भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर खेला था। पार्टी ने दिग्गजों की भीड़ से अलग सामान्य कार्यकर्ता को पार्टी की कमान सौंपकर उन पर भरोसा जताया है।
बीजेपी ने राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है। पार्टी ने सीपी जोशी की जगह राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को प्रदेश संगठन की कमान सौंप दी है। बीजेपी ने जिस तरह से सात माह पहले सत्ता में आने के बाद नए नवेले चेहरे और पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर चौंकाया था ठीक उसी तरह से अब प्रदेश अध्यक्ष के मामले में किया है। सूबे के दिग्गज नेताओं से इतर से बेहद सामान्य कार्यकर्ता ओबीसी चेहरे मदन राठौड़ को राजस्थान बीजेपी की कमान सौंप दी है। मदन राठौड़ पाली जिले से आते हैं।
बीजेपी ने संगठन की राजस्थान इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए पाली के सुमेरपुर से दो बार विधायक रह चुके मदन राठौड़ के नाम पर मुहर लगाई है। बीजेपी की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में उप मुख्य सचेतक रहे मदन राठौड़ पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं। हालांकि पिछली बार जब उन्हें टिकट नहीं मिला था तो उन्होंने पार्टी को आंखे दिखाई थी लेकिन बाद में मान गए थे। सीधे, सहज और स्वच्छ छवि वाले मदन राठौड़ की ना किसी की दोस्ती और ना किसी से बैर है।
पहले संभावित चेहरों पर कोई चर्चा नहीं हुई
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की चर्चाएं जोर पकड़ गई थी। लेकिन सात माह पहले जिस तरह से भजनलाल शर्मा को केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से प्रदेश की कमान सौंपी गई उसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष के संभावित चेहरों पर किसी ने चर्चा नहीं की। पार्टी नेता यह मानकर ही चल रहे थे कि प्रदेश अध्यक्ष का नया नाम भी चौंकाने वाला हो सकता है और हुआ भी वही।
विधानसभा उपचुनाव जीतना बड़ा चैलेंज है
पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ ही प्रदेश प्रभारी प्रभारी भी बदल दिया है। राज्यसभा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल को राजस्थान प्रभारी कमान सौंपी गई है। राठौड़ और अग्रवाल के कंधों पर अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी राजस्थान में आने वाले समय में विधानसभा की पांच सीटों पर होने वाले उपचुनावों में पार्टी को जीत दिलाना है। लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद ये पांच सीटें खाली हुई हैं।
बीजेपी ने पूरब और पश्चिम का संतुलन साधा
संघ पृष्ठभूमि वाले राठौड़ को पार्टी ने विधानसभा का टिकट नहीं दिया था तो वे निराश हुए थे। लेकिन बाद पार्टी ने उनको राज्यसभा का सांसद बनाकर उनका कद बढ़ा दिया था। उसके बाद वे फिर आत्मविश्वास से लबरेज हो गए थे। पार्टी ने सीएम और अध्यक्ष के तौर पर नए चेहरों पर दांव खेलकर ना केवल जातिगत समीकरण साधे हैं बल्कि राजस्थान में पूर्व और पश्चिम के इलाकों को बराबर तवज्जों देकर क्षेत्रीय समीकरण साधने का काम भी किया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने राठौड़ की नियुक्ति पर उनको बधाई देते हुए कहा कि उनके ऊर्जावान नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ प्रदेश में सफलता के नवीन मानक स्थापित करेगी।