दी नगर न्यूज़ श्रीडूंगरगढ़:- राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में है। असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में टोंक में सचिन पायलट को सीधी चुनौती दी है। पायलट समर्थकों का कहना है कि सचिन पायलट को भाजपा और ओवैसी मिलकर भी नहीं हरा सकते। बतादें एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में पायलट के निर्वाचन क्षेत्र में जनसभा कर सीधी चुनौती दी थी। ओवैसी ने संकेत दिए कि उनकी पार्टी टोंक से चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि ओवैसी ने पायलट को घेरने के लिए यह बयान दिया। उल्लेखनीय है कि विधानसभाव चुनाव 2018 में पायलट ने टोंक से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर चुनाव लड़ा और भाजपा के यूनुस खान को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद पायलट अपने क्षेत्र के लोगों से संपर्क में रहे हैं। समय-समय पर दौरे करते रहे हैं। ऐसे में पायलट को वोटर्स बंधा हुआ है। ओवैसी भले ही दावा करें, लेकिन हकीकत यह है कि पायलट अगर टोंक से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा और ओवैसी भी मिलकर चुनाव नहीं हरा सकते।
ओवैसी के दिमाग में क्या चल रहा है ?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओवैसी के दिमाग में क्या चल रहा है। सचिन पायलट इसे शायद भांप गए है। पायलट ने हाल ही में श्रीगंगानगर में एक कार्यक्रम में ओवैसी पर पलटवार किया था। पायलट ने कहा कि मोदी और औवेसी पिछले 4 साल से गायब थे। राजस्थान में चुनाव आ रहे हैं। इसलिए दोनों बार-बार आ रहे हैं। चुनाव खत्म होने के बाद दोनों नेता गायब हो जाएंगे। पायलट ने इशारों में ओवैसी को चुनौती देते हुए कहा कि टोंक से उन्हें चुनाव नहीं हरा सकते। पायलट ने इशारों में संकेत भी दे दिया है कि वह विधानसभा चुनाव टोंक से ही लड़ेंगे।
60 फीसदी मुसलमान है पायलट के निर्वाचन क्षेत्र में
सचिन पायलट ने पहला विधानसभा चुनाव 2018 में टॉक विधानसभा क्षेत्र से लड़ा। पायलट का मुख्यमंत्री के लिए बड़ा चेहरा होने के कारण चुनाव में उन्हें प्रचार के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। इस बार कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार की जगह सचिन पायलट को उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने वसुंधरा राजे के खास लोगों में शामिल यूनुस खान को 54,179 मतों से शिकस्त दी थी। सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा थे। बस इसी आस में टोंक के वाशिंदों ने पायलट पर अपना भरोसा जताया। दूसरी ओर करीब 50 से 60 हजार मुस्लिम मतदाताओं ने भी बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार यूनुस खान को दरकिनार कर पायलट पर भरोसा किया। इसी तरह बीजेपी विचारधारा के मतदाताओं ने भी बिना सामने आए पायलट को ही समर्थन दिया।